हर घर में एक सज्जो होनी चाहिए

मरे लोगन में तो लड़कियन की जिन्दगी जहन्नम की जिन्दगी से बत्तर होत ही| जेका जहन्नम की जिन्दगी देखे का सौउक होय ऊ आय के हमरे लोग की जिन्दगी देख लो | मेराज अहमद का उपन्यास आधी दुनिया मुस्लिम समाज में स्त्री पीड़ा और स्त्री हाहाकार को अत्यंत मार्मिक ढंग से रेखांकित करता है| यह उपन्यास पाठकों को एक ऐसे अंध गलियारे से लेकर गुजरता है, जहाँ वे भारतीय मुस्लिम समाज में लड़कियों की दमित आकांक्षाओं की सिसकियों और हिचकियों को साफ़ सुन सकते हैं| इन लड़कियों का एक छोटा सा सपना है- पढ़ना-लिखना| लेकिन वह अपनी सारी जद्दोजहद के बावजूद अपने इस छोटे से सपने को आकार नहीं दे पाती है| इस सपने को पाने के लिए वह विचित्र और अनोखे किस्म की अहिंसक लड़ाई लड़ती है| इस लड़ाई की विडम्बना यह है कि यह वाह्य रूप से बहुत कम दिखती है किन्तु अपने अन्दर पूरा सैलाब समेटे होती है| दूसरी विडम्बना यह है कि यह लड़ाई किसी दूसरे से नहीं खुद से है, खुद के परिवार से है, खुद के समाज से है| उन्हीं के साथ रहना है और उन्हीं से लड़ना भी है- ‘तुम्हीं से मुहब्बत, तुम्हीं से लड़ाई|’ थकना है, हारना है, फिर लड़ना है| इस लड़ाई और मुह...